
बड़ी खबर : डीसी मनरेगा की जांच के चंद घंटे पहले जोगिया गांव में कराया गया पशु शेड का निर्माण, जिला मुख्यालय से ब्लॉक तक मची खलबली
पशु शेड निर्माण के लिए तीन साल से भुगतान लेकर चुप्पी साधे थे फर्म के जिम्मेदार
महराजगंज टाइम्स में खबर ब्रेक होने के बाद आनन-फानन में शुरू कराया गया था निर्माण
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : घुघली क्षेत्र के जोगिया गांव में पशु शेड के लिए शासन से धनराशि लेने के बाद निर्माण नहीं कराने के मामले में जांच का शिकंजा कसता देख जिम्मेदारों ने आनन-फानन में पशु शेड बनवाया। निर्माण कार्य पूरा होने के चंद घंटे बाद डीसी मनरेगा जोगिया गांव में जांच के लिए पहुंचे। एक घंटे जांच के बाद स्थलीय निरीक्षण कर वापस जिला मुख्यालय लौट आए।
जोगिया गांव में वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा से पशु शेड निर्माण के लिए धनराशि का भुगतान किया गया था। कई लोगों ने शिकायत किया था कि शासन से तीन साल पहले धन लेने के बाद भी पशुशेड का निर्माण नहीं कराया गया है। गोलमाल की आशंका जताई गई थी। इस खबर को महराजगंज टाइम्स ने बीते छह अक्तूबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद जिला मुख्यालय से लेकर घुघली ब्लाक तक हड़कंप मच गया। जिला स्तरीय अधिकारी जांच करने पहुंचे थे। कार्रवाई की लटकती तलवार को देख खबर प्रकाशित होने के बाद जोगिया गांव में बीते छह दिन में उन सभी पशुशेड का निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू कराया गया जिनके बारे में यह कहा जा रहा है कि निमाण के लिए शासन ने धनराशि ले लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक दिन रात काम हुआ। बुधवार की रात में सभी निर्माण को पूरा कराया गया। गुरूवार को डीसी मनरेगा करूणाकर अदीब जोगिया गांव में पहुंचे। पशुशेड का निरीक्षण किया। ब्लाक स्तर के जिम्मेदारों के साथ बैठक आवश्यक दिशा निर्देश के बाद वापस लौट गए। अंदर खाने से यह भी खबर आ रही है कि योजना के तहत बनाए गए कुछ पशुशेड को तोड़ दिया गया है। हालांकि इस मामले में कोई भी जिम्मेदार कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं। पशुशेड के प्रकरण पर चुप्पी साधे हैं। डीसी मनरेगा ने बताया कि गुरूवार को घुघली क्षेत्र के जोगिया गांव में पशु सेड की जांच की गई। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मनरेगा पोर्टल के मुताबिक इन लोगों का बनाया गया है पशु शेड
भारत सरकार के मनरेगा पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक घुघली क्षेत्र के जोगिया गांव निवासी रामबेलाश/सहदेव, परदेशी/अनही, रामबचन/मुन्नी, सम्हारू/रामबृक्ष, रामविजय/थाडू, लल्लन/केदार, रामप्रित/भोला, अदालत/रामप्रीत, रामलखन/अंबिका, बाबूराम/दुलारे, संगीता/कोदई, राधेश्याम/मुन्नी आदि लाभार्थियों के नाम से पशुशेड स्वीकृत हुआ था। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2019-20 में जोगिया गांव में पशु शेड के साथ साथ कई लोगों का बकरी शेड, सोक पीट और कंपोस्ट पीट का भी निर्माण हुआ है। इनमें रमेश/रामप्यारे, रामबचन/मुन्नी, रामनरेश/चंडी, अर्जुन/रामजी, गोबरी/मुन्नी, सम्हारु/रामबृक्ष, रामप्रीत/भोला, राधेश्याम/मुन्नी, बिंदु/ढोढ़ई, भोला/रामजी, नगई/मुन्नर, हरगुन/रामजी, बाबूलाल/रमई, संगीता/कोरई, लक्ष्मी/गंगा, गैसु/मुंसरिफ, रामप्यारे/मुन्नी का सोक पीट का निर्माण मनरेगा से कराया गया है। जबकि परमेश्वर/रामजी, जैन्नु/नन्हू, सुदर्शन/इन्नर, राधेश्याम/मुन्नी, सतीश/भुवनेश्वर, नरेशर/रामजी, लालजी/लोरिक, रामेशर/रामजी का कंपोस्ट पीट का निर्माण हुआ है। रामकेसवाल/रामप्रीत, सिकंदर/इस्माइल, खजांची/रामप्रीत, नसीर/दोस्त का बकरी शेड का निर्माण कराया गया है। सूत्रों की मानें तो बकरी शेड, सोक पीट और कंपोस्ट निर्माण में भी अनियमितता की आशंका है। जांच हो तो सच्चाई सामने आएगी।
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